Monday, June 15, 2009

एक ख्वाब देखा है मैने


एक ख्वाब देखा है मैने,
एक तू है एक मैं हूँ और ये सफ़र है..
इस सफ़र में कई मुकाम आयेंगे,
जो हौंसले आजमाएंगे ,
मगर मेरे हमसफ़र ..
इन तुफानो में कही छोड़ मत देना मुझे ,
नाज़ुक सा दिल है मेरा,
इसे कभी तोड़ देना,
यु तो हिम्मत भी तुझसे है मेरी,
ताकत भी तू मेरी है,
इन सबसे लड़ने ,अकेला छोड़ देना मुझे,
जब से तुझे पाया है,
सब कुच्छ तो है मेरे पास...
तू है.. मैं हु, और है ये जहाँ..

तेरा दिल भी सागर जैसा,
तेरी बाते मोती जैसी,
कुछ पगली सी ,
कुछ नादान सी,
कभी तितली जैसी चंचल,
कभी फूलो जैसी कोमल,
कभी बच्चो जैसी भोली,
कभी चीकू जीतनी मीठी,
तो कभी... निम्बू जीतनी खट्टी,,
कभी आसमान जैसा तेरा आँचल,
कभी सितारों जैसा तेरा दामन,
चंदा भी तुझसे शर्माता,
खुद को तेरे आगे है फीका सा पाता,
वो तेरा पलके झुकाना.
वो तेरा मुझे अपना बताना...
और बात बात पे " उफ्फ " कह जाना...
अब तुझपे प्यार आता तो क्या करता,
हार बैठा मैं अपना दिल,
अब इस दिल की कीमत में क्या जानू?
जो मेरा ही नहीं .. उसे मैं क्या पहचानू?
संभाल के रखना इसको..
बेच नहीं पाओगी इसे बाज़ार में
एक कोढ़ी कीमत नहीं इसकी..
गिरवी रखना इसे फितरत नहीं मेरी..
इन्हे शब्दों की बाजीगरी नहीं
हाल- - दिल समझना मेरा !!

बस एक शिकायत है तुझसे-
दुनिया की लाज है तुझको..
मेरे प्यार से जादा लोगो पर ऐतबार है तुझको,
गलती मेरी भी नहीं,
गलती तेरी भी नहीं,
मगर क्या करू ?
कहना बहोत है मुझे... फिर भी,
इन चंद शब्दों में सिमेट दु तुझे..इतनी भी हिम्मत नहीं मेरी..
एक ख्वाब देखा है मैने..
एक तू है , एक मैं हूँ और ये सफ़र…..



*किसी को समर्पित..